Rishte Matlabi Shayari - बेस्ट 101 + रिश्ते मतलबी शायरी

Rishte Matlabi Shayari – बेस्ट 101 + रिश्ते मतलबी शायरी हिंदी में

Rishte Matlabi Shayari – बेस्ट 101 + रिश्ते मतलबी शायरी हिंदी में – Rishte Matlabi Shayari एक प्रकार की कविता होती है जो मानवीय संबंधों की जटिलता और अक्सर आत्मसेवी स्वभाव को अन्वेषण करती है। इस कविता की शैली मानव जीवन में हमारे कई रिश्ते धन या निजी हितों के आधार पर होते हैं, जबकि वे वास्तविक भावनात्मक जुड़ाव से भरपूर नहीं होते हैं। यह कविता उन संघर्षों और टकरावों को उजागर कर सकती है जो उत्तरदायी अपनी जरूरतों को दूसरों की जरूरतों से अधिक महत्व देने के लिए करते हैं, जिससे रिश्ते टूट जाते हैं या फिर ऊपर से होते हुए भी उज्ज्वल नहीं होते हैं। शक्तिशाली और प्रेरक भाषा के उपयोग से,  मानव प्रकृति की जटिलताओं और हमें दूसरों के साथ मायने रखने वाली अर्थपूर्ण संबंध बनाने में होने वाली चुनौतियों पर अच्छी टिप्पणी कर सकती है।

ये पोस्ट उन्ही लोगों के लिए समर्पित है जो मतलबी लोगों के दूर रहना चाहते है और उन्ही मतलबी लोगों के लिए, भेजना चाहते है और उन्हें इस बात को एहसास करना चाहते है की मतलबी लोगों से दुनिया नहीं चलती है। मतलबी लोगों से बात करना अब हमने बंद कर दिया है। ऐसे
लोगों को सच्चे इंसान शायरी के माध्यम से बताते है की आप मतलबी लोग हो।

Rishte Matlabi Shayari – बेस्ट 101 + रिश्ते मतलबी शायरी हिंदी में

रिश्ते मतलबी शायरी एक कविता की एक विधा है जो मानवीय संबंधों की जटिलताओं और उनके पीछे के प्रेरणाओं का परिचय करती है। अक्सर इस प्रकार की कविता सामग्री को एक नज़र में लेकर जाती है जो सामग्री के मूल्यवाद और यह कि वह हमारे संबंधों से जुड़ी हमारी असली भावनाओं की कमी को कैसे बढ़ाता है। रिश्ते मतलबी शायरी लालच, स्वार्थपरता और संबंधों में शक्ति और नियंत्रण की लड़ाई जैसे विषयों पर भी टच कर सकती है। यह भी जानती है कि जब हमें पता चलता है कि हमारे करीबी वास्तव में हमारे लिए कुछ नहीं होते हैं, तो हमें निराशा और मायूसी की भावनाएं हो सकती हैं।

तो दोस्तों अब देर न करते हुए पोस्ट को शुरू करते है। अगर आपको ये शायरी
पसंद आये तो इसे फेसबुक या व्हाट्सप पर शेयर कर सकते है किस्से आपके जैसे
किसी सच्चे इंसान की भी कुछ फायदा मिल सकते है।

Rishte Matlabi Shayari

Rishte Matlabi Shayari

 

रिश्ते नहीं होते मतलब से लोगों से,
कुछ लोग तो सिर्फ उपयोग के लिए होते हैं।

रिश्तों में अच्छा-बुरा तो होता ही है,
मगर मतलबी रिश्तों से बचकर रहें।

जब तक रिश्तों में मतलब रहता है,
उनकी गहराई तक पहुँच पाना नामुमकिन है।

मतलबी रिश्ते हैं सबसे नाकाम,
क्योंकि इनसे कुछ सीखने के अलावा नहीं मिलता कुछ।

रिश्तों में मतलब नहीं होना चाहिए,
नहीं तो जीवन बेकार हो जाता है।

जितना मतलबी रिश्ता होता है,
उतना ही उससे दूर रहना चाहिए।

रिश्तों में मतलब नहीं होना चाहिए,
क्योंकि इससे दोस्ती भी रिश्तों की तरह ही दिखने लगती है।

मतलबी रिश्तों की दुनिया में कोई जगह नहीं होती,
सिर्फ असली रिश्तों की जगह होती है।

रिश्तों को मतलब नहीं होना चाहिए,
क्योंकि जब इससे उम्मीद होती है, तो निराशा होती ही है।

रिश्ते मतलबी शायरी

रिश्ते मतलबी शायरी

 

रिश्ते नहीं होते मतलब से सच्चे दिलों से,
कुछ लोग तो सिर्फ प्यार के लिए होते हैं।

मतलबी रिश्तों का कोई मूल्य नहीं होता,
सच्चे रिश्तों का होता है उसका वास्तविक महत्व।

रिश्ते मतलबी होने से तोड़ दो,
क्योंकि वो तोड़ने से पहले ही तुम्हें तोड़ देंगे।

जब रिश्तों में मतलब होता है,
तो सच्चाई छिप जाती है और दिल का सफ़ा होता है।

असली रिश्ते वह होते हैं,
जिनमें मतलब का कोई स्थान नहीं होता।

मतलब से बने रिश्तों को तोड़ देने में कोई हानि नहीं,
क्योंकि जब रिश्ते में प्यार नहीं रहता तो उससे कुछ नहीं मिलता।

रिश्तों में मतलब से नहीं,
दिल से जोड़ा जाता है।

रिश्तों में मतलब की जगह प्यार होना चाहिए,
वर्ना वह रिश्ता टूटने को तैयार रहता है।

 Matlabi Rishte Shayari

Matlabi Rishte Shayari

 

रिश्तों का मतलब सिर्फ नुकसान होता है,
जबकि प्यार और विश्वास सबकुछ बचा लेते हैं।

रिश्तों में दिल से मिलना ज़रूरी होता है,
मतलब से मिलना तो कोई भी कर सकता है।

मतलबी रिश्तों से दूर रहो,
नहीं तो तुम्हारी सारी खुशियाँ ख़त्म हो जाएँगी।

रिश्तों में मतलब होता है तो संभल जाओ,
वर्ना तुम्हारा होना ही बेकार हो जाएगा।

रिश्तों में मतलब से ज्यादा समझदारी होनी चाहिए,
क्योंकि जब सब कुछ खत्म हो जाता है, तब समझदारी ही रिश्ते बचाती है।

जब रिश्तों में मतलब नहीं होता,
तो उनमें सच्चाई और खुशियाँ होती हैं।

रिश्तों में मतलब रखने वालों से दूर रहो,
क्योंकि वे तुम्हारे लिए सिर्फ नुकसान हैं।

रिश्तों में मतलब के चक्कर में न पड़ो,
क्योंकि तब तुम खुशी की जगह अकेलापन को ही पाओगे।

Rishte Dhoka Rishte Matlabi Shayari

Rishte Dhoka Rishte Matlabi Shayari

 

Rishte matlabi hote hain,
Kabhi pyar se jude nahi rehte.

Dil se dosti ki ummeed na rakho,
Rishte matlabi hote hai sabhi.

Rishte kuchh ajeeb hote hain,
Kabhi saath dete nahi, magar na chhodte bhi.

Rishte toh jhoothhe hote hain,
Jab tak hum khud jhoothi tasveer nahi banate.

Sabhi rishte matlabi hote hain,
Bas kuchh rishte ke matlab ka pata nahi chalta.

Rishte toh hamesha sachche hote hain,
Bas kabhi-kabhi matlab se bhare hote hain.

Rishte matlabi hote hain,
Par aise bhi hote hain jinmein sachchai hai.

Rishte toh sabhi jhoothhe hote hain,
Bas kuchh rishte mein sachchai ke rang bhi hote hain.

Rishte toh hamesha se hi matlabi hote hain,
Par kuchh rishte ke matlab ke baare mein pata hi nahi chalta.

Rishte toh hamesha se hi jhoothhe hote hain,
Par kuchh rishte ke jhooth ke baare mein pata hi nahi chalta.

Rishte toh hamesha matlabi hote hain,
Par kuchh rishte ke matlab ke baare mein pata hi nahi chalta.

Rishte toh hamesha sachche hote hain,
Bas kabhi-kabhi matlab se bhare hote hain.

Rishte toh hamesha sachche hote hain,
Bas kabhi-kabhi matlab ke rang bhi hote hain.

Rishte matlabi hote hain,
Magar kabhi-kabhi aise bhi hote hain jinmein dil hota hai.

Rishte toh hamesha matlabi hote hain,
Par kabhi-kabhi aise bhi hote hain jinmein pyar hota hai.

Rishte toh hamesha jhoothhe hote hain,
Par kabhi-kabhi aise bhi hote hain jinmein sachchai hoti hai.

Rishte toh hamesha matlabi hote hain,
Par kabhi-kabhi aise bhi hote hain jinmein dil hota hai.

Rishte toh hamesha jhoothhe hote hain,
Par kabhi-kabhi aise bhi hote hain jinmein sachchai hoti hai.

Rishte toh hamesha matlabi hote hain,
Par kabhi-kabhi aise bhi hote hain jinmein pyar hota hai.

Rishte toh hamesha jhoothhe hote hain,
Par kabhi-kabhi aise bhi hote hain jinmein sachchai hoti hai.

Rishte toh hamesha matlabi hote hain,
Par kabhi-kabhi aise bhi hote hain jinmein dil hota hai.

Rishte toh hamesha jhooth

Rishte kabhi-kabhi toot jaate hain,
Kyunki unke matlab ka pata nahi hota.

Rishte hamesha se hi matlabi hote hain,
Par kabhi-kabhi aise bhi hote hain jinmein khushi hoti hai.

Rishte toh hamesha jhoothhe hote hain,
Par kabhi-kabhi aise bhi hote hain jinmein sacchai hoti hai.

Rishte toh hamesha sachche hote hain,
Bas kabhi-kabhi log unhe matlabi bana dete hain.

Rishte kabhi-kabhi majboori se bante hain,
Par kabhi-kabhi pyar se bhi bante hain.

Rishte toh hamesha hote rahenge,
Bas unke matlab ke baare mein pata nahi chalta.

Rishte toh hamesha hote rahenge,
Bas kabhi-kabhi unke naam badal jaate hain.

Rishte toh hamesha hote rahenge,
Bas kabhi-kabhi unke dard badal jaate hain.

Rishte kabhi-kabhi matlabi hote hain,
Par kabhi-kabhi unke dard bhi sachche hote hain.

Rishte toh hamesha hote rahenge,
Bas kabhi-kabhi unke naam badal jaate hain.

Rishte toh hamesha hote rahenge,
Bas kabhi-kabhi unke dard badal jaate hain.

 Rishte Matlabi Shayari Video

 

Read More :

About The Author

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top